तुम हिंदी का शब्द हो , 📖
तुम हिंदी का शब्द हो , में हूं गणित का सवाल , मेरा हल तो एक हैं ,तेरे अर्थ हजार ।
तुम हिंदी का शब्द हो , में हूं गणित का सवाल , मेरा हल तो एक हैं ,तेरे अर्थ हजार ।
दुनिया की नज़रों सेछिपाकर रखा था मैंने जिसे..!!ख़ैर… एक दिन उसेमेरी ही नज़र लग गई..!!!❤️
मुझमे मेरी जगह नही बची , इस कदर समाया है तू मुझमे ….!!!
वक्त के साथ बस आदत बदली है, बुरे कल भी नहीं थे,अच्छे आज भी नहीं हैं.
तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समझा, वरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही।
ख़ामोशी का मतलब लिहाज़ भी होता है ..लोग इसे कमजोरी समझ लेते है !
रस्म-ए-मोहब्बत सिर्फ हमने निभाया है..वो जब भी जाने को थे हमने बुलाया है..!!बदसूरत तो नहीं थी बद सिरत थी वो..दिल-ए-दरवेश में अब गमों का साया हैउल्फत का सिला उसने दिया था मुझे,हाँ, खूबसूरत चेहरे से एहतियात बताया है..!
वो कहती रही … तुम मेरे हो..मैं सुनना चाहता था .. मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ
हादसा ज़िंदगी है आदमी की…साथ देगी भला ख़ुशी कब तक…!!
प्यार ढूंढते हो… तो किताबों में ढूंढो…जिन्दगी में तो सिर्फ़… ग़म मिलते हैं…!!