एक अजीब सुकून है उस नीद में …..
एक अजीब सुकून है उस नीद में.जो बुरी तरह से रोने के बाद आती है..
एक अजीब सुकून है उस नीद में.जो बुरी तरह से रोने के बाद आती है..
ए हसीना…हमने दिल का रुख तेरी और मोड़ दिया है, इसे कायल कर या घायल…..ये तुझपे छोड़ दिया है !!
ज़िंदगी भी कहाँ तक सितम ढहाएगी,गुज़री है, गुज़र रही है, गुज़र जाएगी ।।
शब्द के अर्थ समझते सब है. खामोशी🤫 को जो समझे तलाश उसकी है…
तज़ुर्बे ना पूछो ज़िंदगी के. उम्र शर्मिंदा हो जाएगी !!
माँ की तरह… कोई और ख़्याल रखे…ये तो बस… ख़्याल ही हो सकता है…!!
यदि मां का चेहरा बिना देखे आंख खुले तो दिन बेकार जाता है मेरा…!!!
डॉक्टर से इश्क़ भी आसान नहीं है साहब … मैं फीलिंग बताता हूँ वो मेडिसीन लिख देती है..
तुम को आता है प्यार पर ग़ुस्सा.मुझ को ग़ुस्से पे प्यार आता है.. shayari